अभिलाषा
अभिलाषा डॉ0 साधना अडवानी देखो! देखो! हवाई जहाज आया। दौड़ो! दौड़ो! हवाई जहाज आया।। कितना ऊपर कितना बड़ा। लगता जैसे पक्षी बड़ा।। कौवा उड़ता, चिड़िया उड़ती, तोता उड़ता, मैना उड़ती। मैं क्यों नहीं उड़ पाता? पतंग उड़ती, गुब्बारा उड़ता, मच्छर उड़ता, मक्खी उड़ती। मैं क्यों नहीं उड़ पाता? एक दिन विमान चालक बनकर। मैं भी विमान उड़ा लूँगा।। मम्मी-पापा, चिंकी- पिंकी। सबको मैं बिठलाऊँगा।। आसमान की सैर कराऊँगा। बादलों को छू कर आऊँगा।। वायु सेना में भर्ती होकर। मैं सैनिक बन जाऊँगा।। दुश्मन भी आप उठा ना सकेंगे। प्राणों की बाजी हम लगा देंगे। मातृभूमि की रक्षा में, हंसते-हंसते शीश चढ़ा देंगे।।